निलंबन भत्ता रोकने से बौखलाए शिक्षकों से बीएसए ने बताया जान का खतरा
औचक निरीक्षण के दौरान पकड़ी थी अनियमितता, बिना उपस्थिति दिए ही भत्ता ले रहे थे निलंबित शिक्षक
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पूरे प्रकरण को लेकर जिलाधिकारी से की मुलाकात
शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल काट चुके हैं धमकी देने के दो आरोपी शिक्षक
मथुरा जनपद में आम आदमी की तो छोड़िए अब अधिकारियों को भी धमकी मिलना शुरू हो गयी है जनपद मथुरा में बिना ज्वाइनिंग के निलंबन भत्ता ले रहे शिक्षकों पर कार्यवाही करना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त को महंगा पड़ गया उन्हें सोशल मीडिया पर धमकियां मिलनी शुरू हो गई जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत एसएसपी से की और जिलाधिकारी को भी इस मामले से अवगत कराया है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त ने जिलाधिकारी कार्यालय पर मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि कार्य में लापरवाही बरतने व कार्यालय लिपिक से अभद्रता करने पर उन्होंने शिक्षक आलोक उपाध्याय और पुष्पेंद्र सिंह को छह माह पूर्व निलंबित कर दिया गया था जिसके बाद उन्हें खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नौहझील व नंदगांव से सम्बद्ध किया गया था लेकिन औचक निरीक्षण के दौरान उनकी पकड़ में आया कि इन दोनों समेत 3 शिक्षक बिना कार्यालय पर ज्वाइन किए ही निलंबन भत्ता ले रहे थे यही नहीं इन शिक्षकों द्वारा आज तक सम्बद्धीकरण कार्यालय पर उपस्थिति तक नहीं दी गई इस अनियमितता पर उनके द्वारा तीनों शिक्षकों का निलंबन भत्ता रोक दिया गया था।
बताते चलें कि यह तीनों शिक्षक लंबी अवधि से निलंबित चल रहे थे और घर बैठे निलंबन भत्ता ले रहे थे निलंबन के बाद इनका जीवन निर्वाह भत्ता भी 50 फ़ीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया गया था
अनियमितता सामने आने के बाद इन शिक्षकों का जीवन निर्वाह भत्ता को जो 75 फ़ीसदी किया गया था उसको घटाकर अगले आदेश तक शून्य कर दिया गया है
इसी कार्रवाई के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सोशल मीडिया के जरिए विजिलेंस के जरिये फर्जी ट्रैप कराने और निपटाने की धमकियां मिलनी शुरू हो गई जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत अपने आला अधिकारियों से की है। यह भी बतादें कि बीएसए ने आलोक उपाध्याय व पुष्पेंद्र चौधरी नाम के जिन दो निलंबित शिक्षकों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है, वो शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल की हवा भी खा चुके हैं।