कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज यूपी के हाथरस जिले में बहुचर्चित बिटिया कांड के पीड़ित परिवार से मिले।उन्होंने सुबह करीब 45 मिनट तक पीड़ित परिवार से बातचीत की और दिल्ली के लिए निकल गए।राहुल गांधी ने तो प्रेस से कोई बात नहीं की लेकिन उनके जाने के बाद बिटिया का भाई कैमरे पर आया है।उसने बताया है कि 2 जुलाई को उन्होंने राहुल गांधी सहित छः लोगों को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने परिवार का दर्द बयां किया था।बताया था कि सीआएपीएफ की सुरक्षा की बजह से उनका परिवार चार साल से घर मे कैद सा है।वह कहीं जा नहीं पा रहे है कहीं कमाई नहीं कर पा रहे है सिर्फ मिले 25 लाख के मुआवजे से ही अपना खर्च चला रहे है। उन्हें वादे के मुताबिक सरकार ने न तो सरकारी नोकरी दी है और न गांव से बाहर घर दिया है। उसने बताया है उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,
मुख्यन्यायाधीश,राष्ट्रपति तथा आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद को भी पत्र लिखा था जिस पर आज राहुल गांधी उनकी पीड़ा सुनने आये है।बिटिया के भाई की मानें तो राहुल गांधी ने परिवार के सभी लोगों से बात की है,सबकी पीड़ा सुनी है और भरोसा दिलाया है कि सब ठीक होगा।
दरअसल इस पीड़ित परिवार को सरकार की घोषणा के मुताबिक सरकारी आवास तथा नोकरी नहीं मिलने का मामला न्यायालय में विचाराधीन है।अलवत्ता बिटिया केस में दो मार्च 2023 को कोर्ट का फैसला हो चुका है। विशेष न्यायालय एससी एसटी एक्ट की अदालत ने इस मामले में आरोपी 4 युवकों में से 3 को बरी कर दिया थाऔर एक आरोपी संदीप को आजीवन कारावास तथा ₹50 हज़ार जुर्माने की सजा सुनाई थी।इस फैसले के बाद से बिटिया पक्ष संतुष्ट नहीं है। बिटिया के भाई ने बताया है कि वह पूर्ण न्याय मिलने पर ही अपनी बहिन की अस्थियों का विसर्जन करेंगे।बिटिया के परिजन इस फैसले को लेकर हाईकोर्ट में अपील कर चुके हैं। आपको बता दें कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस के गांव में एक दलित युवती के साथ दरिंदगी हुई थी और उसे जान से मारने की कोशिश हुई थी ।इलाज के दौरान युवती ने 29 सितंबर 2020 को अपना दम तोड़ दिया था इस मामले के गांव के चारों आरोपी युवक जेल भेजे गए थे। सीबीआई ने मामले की जांच करके चारों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी।जिस पर सुनवाई के बाद यह निर्णय आया था।